Posts

Showing posts from October, 2019

लिखना चाहती हूँ

कुछ पन्ने फ़िर लिखना चाहती हूँ मैं ज़िंदगी दोबारा जीना चाहती हूँ मिटा दूँ कालखंड से चॉक के निशां डस्टर से अतीत पोंछना चाहती हूँ बनूँ फ़िर अपनी मर्जी की मालिक तकदीर फिर लिखना चाहती हूँ न ही कोई विवशता न भय मैं खुल के साँस लेना चाहती हूँ जिऊँ फिर से अपनी शर्तों पर ए ज़िंदगी तुझे अपनाना चाहती हूँ #दुआ