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नदीम

रब पर और यकीन हो गया है  क्या जानूँ मुझे क्या हो गया है दिल की बैचेनी अब बढ़ती जाती सफ़र इस कदर संगीन हो गया है उन तक पहुंचेगी मेरी आवाज़ ज़रूर गोशा - गोशा तसव्वुर हो गया है  मानती हूँ मेरी गलतियाँ थीं बहोत  रहनुमा मेरा नदीम हो गया है  #दुआ