किंचित Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps May 13, 2023 राजहंस के श्वेत पंखों से कुछ सृजन कर जाऊँगी कभी कण्व , कभी व्यास सा किंचित कुछ लिख पाऊँगी #अर्चना अग्रवाल Read more
जब भी देखूँ तेरा चेहरा नज़र आए किताब खुले तो सफ़ा कहाँ नज़र आए तेरी बातें , तेरी यादें और आँखेंतेरी अल्फ़ाज़ में तेरी हँसी नज़र आए दिल लगा के मेरा हाल बुरा हो गया अब आईने में तेरी सूरत नज़र आए Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps May 01, 2023 Read more
अर्चना Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps May 01, 2023 काँच सा कच्चा मन हरा हो गया फागुनी फिर सफर हो गया ढोलकें , शंख , होरी , ऋचाएँ मन गीतों का घर हो गया हृदय स्पंदित , अप्रतिम प्रेम कल्पना में मिलन हो गया पूज्य हो तुम ,आराध्य हो तुम 'अर्चना ' हर प्रहर हो गया .. #दुआ Read more