भूख
जी हाँ 'भूख ' हूँ मैं मेरा नाम एक घर अनेक मैं रहती हूँ पेट की अंतड़ियों में छुपी कातर नयन , फैले हाथ में कहीं मेरा घर है लाला की तिजोरी में जो जितनी भरे खाली रहे मुझे चीन्ह सकोगे हवसी आँखों में तुम वस्त्रों को चीर देखते पाओगे गुम जी हाँ 'भूख ' हूँ मैं #दुआ