तुम रहने दो
तुम रहने दो ..... तुमसे मोहब्बत हो नहीं पाएगी
मेरी भावनाएं , मेरी संवेदनाएँ , मेरी चुप्पी
जो अनकहा था है और शायद रहेगा भी
नारी मन को भला कौन पढ़ पाया है ?
कौन समझ पाया है , कौन गुन पाया है ?
तो तुम भी कैसे समझ पाओगे ?
पुरुष जो ठहरे
जानते नहीं हो शायद
नारी का प्यार मन से शुरू होता है
और तुम्हारा अनुराग तन से
बस ... तुम रहने दो ... तुमसे मोहब्बत हो नहीं पाएगी
#दुआ
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