अखबार


इन काले सफेद पन्नों के पीछे
छुपे हैं कुछ भयावह सत्य
जिन्हें देख , पढ़ सुन्न होती शिराएँ
कराहों से भरी
दर्द की स्याही से लिखी
ये खबरें अलसुब्ह मेरी ड्योढ़ी पे आ जाती हैं
विश्वास का एक तिनका हृदय के नीड़ से
रोज़ तोड़ जाती हैं

#अर्चना अग्रवाल

Comments

Popular posts from this blog

जब भी देखूँ तेरा चेहरा नज़र आए किताब खुले तो सफ़ा कहाँ नज़र आए तेरी बातें , तेरी यादें और आँखेंतेरी अल्फ़ाज़ में तेरी हँसी नज़र आए दिल लगा के मेरा हाल बुरा हो गया अब आईने में तेरी सूरत नज़र आए

सिसकियों की मर्म व्यथा