दर्द होता है

घाव अच्छे हैं अब लगते, दर्द होता है थोड़ा सा
ये दुआएँ तुम्हारी हैं , मुझे पहले पता ना था
तुम दिल के पास हो इतने ,धड़कते हो सीने में
मैं ख़ुद को भूल जाती हूँ , मुझे पहले पता न था
ज़िस्म की बंदिशें भूली , भटकती हूँ रूह बनकर
ये अहसास की खुशबू , मुझे पहले पता ना था
चाँद नमकीन होता है , चखा था कल रात मैंने
ज़बाँ का ये ज़ायका , मुझे पहले पता ना था
आँखों - आँखों में कह देते हो हज़ारों बातें
गुफ़्तगू का ये सिलसिला , मुझे पहले पता ना था
#दुआ 

Comments

Popular posts from this blog

जब भी देखूँ तेरा चेहरा नज़र आए किताब खुले तो सफ़ा कहाँ नज़र आए तेरी बातें , तेरी यादें और आँखेंतेरी अल्फ़ाज़ में तेरी हँसी नज़र आए दिल लगा के मेरा हाल बुरा हो गया अब आईने में तेरी सूरत नज़र आए

अखबार

सिसकियों की मर्म व्यथा