ऋतु वर्णन

ग्रीष्म ऋतु
सूर्य भीषण ताप है देता शशि शीतल सुंदर
शुष्क तालु मृग भटकते देख मरीचिका क्षण भर
पावस ऋतु
चातकों की तृषा कुल याचना स्वीकार शीघ्र करते हैं
जलद श्यामल वर्षा कर प्राणघन आल्हाद भरते हैं
शरद ऋतु
रूपशालिनी शोभनीया नववधू सी शरद है
नव उत्सव , हिम फुहार है अब कठिन है सुधाकर
हेमंत ऋतु
पके सुधान्य सीमांत ग्रामों में प्रचुर हैं
तुहिनमय हेमंत पुष्प गंधित वदन है
शिशिर ऋतु
पहन भारी वस्त्र वनिताएँ मंथर चरण चलती हैं
रात्रि काल दुखदायी प्रिये शीतल शिशिर आई
बसंत ऋतु
द्रुम कुसुममय , सलिल सरसिज अब
कामरूचि कामिनी प्रति अंग में है पुलक भर
Best of Swlekh #AajSirhaane #ऋतु वर्णन

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