आशियाना

एक आशियाना ऐसा बनाना है
सूरज को कंदील, चाँद द्वार पर सजाना है
प्रेम , त्याग , समर्पण के फूल खिलाने हैं
बगिया में रोज़ नेह का पानी देते जाना है
दीवारों पर तेरी - मेरी तस्वीर लगानी है
तस्वीर के आगे अपनी फोटो खिंचानी है
स्वर्ग से देखे जो मेरे इस आशियाने को
वो भी तरसे इसमें अपना घर बसाने को
मौसम ऐसा हो कि न सर्दी लगे न गर्मी
धूप - छाँव मिलन हो , सांझ की देहरी सजानी है
बस .. ऐसा एक आशियाना बनाना है ...
#दुआ

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