ज़िंदगी यूँ तुम्हें जिया जाए
ज़िंदगी काटी नहीं जाती
जी जाती है
धूप के टुकड़ों में
छाँव के कोनों में
विस्मृत स्मृतियों में
भविष्य की आशा में
आगत की आहट में
कल्पना की सुगबुगाहट में
ज़िंदगी काटी नहीं जी जाती है
ज़िंदगी काटी नहीं जाती
जी जाती है
चाँद के प्यार में
चाँदनी के खुमार में
सितारों के साथ में
प्रिय की आस में
एक अबूझ प्यास में
किस्सों में कहानियों में
पात्रों के सृजन में
कटुता के विसर्जन में
ज़िंदगी काटी नहीं जी जाती है
ज़िंदगी काटी नहीं जाती
जी जाती है
किसी के आँसू पीने में
कुछ अच्छा करने में
निःस्वार्थ भला करने में
तपते हृदय को शीतलता देने में
कुछ मधुर लिखने में
कुछ अच्छा पढ़ने में
ज़िंदगी काटी नहीं जी जाती है
#दुआ
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