तुम यहीं हो

रात्रि की निस्तब्धता
बोलते झींगुर
मादक चाँदनी
सर्वत्र कालिमा
मदिर गंध
सब कह रहे हैं
तुम यहीं हो , यहीं कहीं हो

झुकीं पलकें
प्रणय - विधु
हृदय उन्माद
सरस हँसी
अदम्य अभिलाषा
प्रमाण हैं , तुम यहीं हो , यहीं कहीं हो

काँपते होंठ
अस्फुट स्वर
धीमा - धीमा संगीत
मद्धिम रौशनी
भीनी खुशबू
प्रमाण हैं , तुम यहीं हो , यहीं कहीं हो

#दुआ

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