फिर आऊँगी

आज फिर तेरे शहर में घूमने गई
कुछ यादें मिलीं सीली - सीली
कुछ तहखाने देखे घुप्प अँधेरे
जहाँ दफन थीं तेरी मेरी बातें
हो सके तो बारिश की चंद बूँदे संजो लेना
मैं आऊँगी लेने यदि ज़िन्दा रही

फिर तेरे शहर का चाँद रूमानी मिला
कहता कोई भूली कहानी मिला
सितारे भी टिमटिमाते मिले
कुछ तेरी याद दिलाते मिले
संदली हवा भी कुछ खोई थी
शायद किसी की याद में रोई थी
कुछ नज़्में संजो लेना
मैं आऊँगी लेने यदि जिंदा रही

फिर वही गुलमोहर रूमानी मिला
प्रेम कथा कहता ज़ुबानी मिला
नुक्कड़ पर चाय की गुमटी मिली
यारों की टोली बैठी मिली
बस तेरी मौज़ूदगी खोई थी
आँख खुश्क अश्क रोई भी
एक प्याला चाय मंगा लेना
पीने आऊँगी यदि ज़िंदा रही

#दुआ

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