चाहती हूँ
चाहती हूँ तुम में छुपे रहना थोड़ा सा
एक चाय के कप में
रात के चाँद में
मंदिर की जोत में
कसैले करेले में
आईने की बिंदी में
गुनगुनी धूप में
तुम जब इन्हें देखो , स्पर्श करो
मुझे याद करना
चाहती हूँ तुम में ....
#दुआ
चाहती हूँ तुम में छुपे रहना थोड़ा सा
एक चाय के कप में
रात के चाँद में
मंदिर की जोत में
कसैले करेले में
आईने की बिंदी में
गुनगुनी धूप में
तुम जब इन्हें देखो , स्पर्श करो
मुझे याद करना
चाहती हूँ तुम में ....
#दुआ
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