आज दिल
आज दिल कुछ उदास सा है
ज़ख्म भी कुछ खास सा है
शिद्दत से निभ जाती थी वो रस्म
हाल उसका बदहवास सा है
शाम से ही धुंधली यादों का हुजूम
मेरे तन्हा दिल के आस-पास सा है
मैं चाहती थी वो भी मुझे याद करे
पर उसका रूख कुछ नासाज़ सा है
अहसास दर्द देते हैं गहराई तलक
ए दिल तू क्यों गम - शनास सा है
#दुआ
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